
रहो हिल मिलकर मेरे,
समाज के भाई बहिनों।
में लेकर आया हूँ,
स्नेह प्यार का संदेशा।
रहे हम सब पर,
हमारे बड़े बूढ़ो का हाथ।
तभी तो हर जाती धर्म को
दुनियाँ में पहचान जाएगा।
दिलाओ बच्चों को शिक्षा
तुम सभी लोगों।
तभी तो समाज को मिलेगा,
शिक्षित समाज का दर्जा।
इसलिए बैर भाव,
आपसी के तुम सब छोड़ों।
और बच्चो को पढ़ाई के लिए
सदा ही प्रेरित तुम करो।।
यही एक चीज ऐसी है,
जो कोई छीन नही सकता।
वो अपने ज्ञान के बल पर,
कभी भूखा रह नहीं सकेगा।
इसलिए आप सभी पढ़ाई पर
बच्चों का ध्यान केंद्रित करो।
फिर कोई भी तुम्हारी
संस्कृति पर,
नही उठा पायेगा कोई प्रश्न।
और हर जगह तुम्हे और
समाज को सम्मान मिलेगा।
तभी तो तुम्हरी जाती धर्म का
दुनियाँ में नाम हो जाएगा।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।00