विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उपकुलसचिव बने श्रीगोपाल नारसन

1 0
Read Time1 Minute, 44 Second

रुड़की |

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के वर्धा में हुए वार्षिक अधिवेशन में विद्यापीठ के उत्तराखंड प्रभारी श्रीगोपाल नारसन को विद्यापीठ के उपकुलसचिव की भी केंद्रीय स्तर पर अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ योगेन्द्रनाथ शर्मा अरुण की अध्यक्षता में हुई पीठ की सीनेट बैठक में मुम्बई के डीके मुरारका को कुलानुशासक, विदर्भ के साम्भा जी राव को उपकुलपति व उत्तराखंड के श्रीगोपाल नारसन को उपकुलसचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।पीठ के कुलसचिव डॉ देवेंद्र नाथ शाह ने बताया कि इस अधिवेशन में देशभर से तीन सौ साहित्यकार प्रतिभागियों ने भाग लिया है।अधिवेशन में पीठ की महाराष्ट्र शाखा की ओर से अधिष्ठाता डॉ अरुण व डॉ नारसन का शाल ओढाकर व स्मृति चिन्ह देकर सारस्वत सम्मान से विभूषित किया गया।इस अवसर पर उत्तराखंड से साहित्यिक योगदान के लिए फ़िल्म निर्देशक डॉ सुभाष अग्रवाल को विद्या सागर,अशोक शर्मा आर्य,राजेश शर्मा,एसपी सिंह को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधियों से सम्मानित किया गया।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मुक्तक

Mon Oct 14 , 2019
अखबार में खबर छपी है, स्मार्ट शहर में नाव चली है, मां दुर्गा भी बचा नहीं पायीं, डूबी पटना की गली-गली है. (2) घर-परिवार बिछड़ गयें हैं, बच्चें-बूढें सब बिलख रहें हैं, बादल का कलेजा फटा ऐसा, तिनके-सा सब बिखर गयें हैं. (3) करोड़ों का पंडाल सजा है, लाखों पेट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।