श्रीकृष्ण जन्म

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कंस राज में जब बढ़े, पापी अत्याचार।
द्वापर में भगवान ने, लिया कृष्ण अवतार।।

उग्रसेन सुत कंस ने, छीन पिता का राज।
बहिन देवकी पतिसहित,करे कैद बिनकाज।

जन्मत कारागार में, बालक वधे अनेक।
लगता था उस कंस को, काल बाल प्रत्येक।।

भादव रजनी अष्टमी, लिया ईश अवतार।
हरि माया से खुल गए, ताले कारागार।।

वासु देव ले कृष्ण को, चले रात निर्द्वंद।
वर्षा, यमुना बाढ़ सह, पहुँचाए घर नंद।।

नंद यशोदा ने किया, हरि पालन मय गर्व।
मनती है जन्माष्टमी, तबसे घर घर पर्व।।

नाम–बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः 

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