कवि होना
नहीं है साधारण
अपेक्षित हैं उसमें
असाधारण विशेषताएं
मात्र कवि होना ही
बहुत बड़ी बात है
लेकिन फिर भी
आत्मश्लाघा के मारे
लगते हैं नवाजने
खुद को ही
राष्ट्रीय कवि
वरिष्ठ साहित्यकार के
खिताबों से
नाम के आगे-पीछे
लगा लेते हैं
ऐसे उपनाम
जिन पर स्वयं
नहीं उतरते खरे
छपने का जुगाड़
सम्मानित होने व
करने का कारोबार
ले जाता है
पतन के रसातल में
उनसे जनकल्याण के
सृजन की
अपेक्षा करना
बेमानी है
#विनोद सिल्लाजीवन परिचयविनोद सिल्लामाता का नाम/ पिता का नामश्रीमती संतरो देवी/श्री उमेद सिंह सिल्लापत्नी का नाम :- श्रीमती मीना रानीजिला फतेहाबाद (हरियाणा)शिक्षा/जन्म तिथीएम. ए. -इतिहास, बी. एड.व्यवसाय अध्यापनप्रकाशन विवरण .जाने कब होएगी भोर (काव्यसंग्रह)खो गया है आदमी (काव्यसंग्रह)मैं पीड़ा हूँ (काव्यसंग्रह)यह कैसा सूर्योदय’ (काव्यसंग्रह)संपादित पुस्तकेंप्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुण (काव्यसंग्रह)मीलों जाना है (काव्यसंग्रह)सम्मान का विवरणडॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड-2011भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारामहात्मा ज्योति बा फूले राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड-2012भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वाराऑल इंडिया समता सैनिक दल द्वारा 15, जून 2014 कोउपमंडल प्रशासन, टोहाना द्वारा गणतन्त्र दिवस, 26, जनवरी 2012 कोदैनिक सांध्य समाचार पत्र, ‘टोहाना मेल द्वारा 17, जून 2012 केअम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा 06, जुलाई 2014 कोलाला कली राम साहित्य सम्मान-2015साहित्य सभा, कैथलके सी टी ग्रूप ऑफ इन्सटीट्युशन फतेहगढ़, लहरागागा (पंजाब) 07, फरवरी 2017संस्थाओं से सम्बद्धता (यदि कोई हो तो विवरण दें)हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन,टोहानाअध्यक्ष (2013-15)मुख्य सलाहकार (2015-17)