फर्क नहीं पड़ता..

0 0
Read Time45 Second
pooja vishwkarma
 छोड़ कर जाना है तो देर मत लगाओ,
 मुझे फर्क नहीं पड़ता   टेर मत लगाओ,
 सबको पता है इस दुनिया से कई लोग गए हैं अकेले,
 किसी के जाने से ना उदास हुए हैं मेले,
 तुम्हें जाना है तो बेझिझक जा सकते हो,
 किसी और की जिंदगी में बेशक आ सकते हो,
 बुझते नहीं है मोहब्बत के दीपक तूफानों से,
 काम चलता नहीं है किसी के अफसानो से,
 बुलंदी की सीढ़ियां कोई किसी के दम पर नहीं चढ़ता,
 यहां पर किसी के जाने से फर्क नहीं पड़ता.
#पूजा विश्वकर्मा ‘बिट्टू’
नरसिंहपुर( मध्य प्रदेश)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कैद में नदियाँ- तरपाती बाढ़

Sat Jul 20 , 2019
——————————— ऐ मानव सुनो प्रकृति को न छेड़ो स्वतंत्र बहने दो नदियों को न बाँधों इनको और न कैद करो स्वतंत्र रहने दो और मस्त रहो। —————————————- स्वतंत्रता सबको है प्यारी भला कबतक कैद रहेंगे मजबूत से मजबूत बाँध बनेंगे अपने वेग से ये जरूर तोडेंगे। —————————————- आजाद मुल्क में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।