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मेरी उम्मीदों पर खरा उतरेगा न ?
मुझसे बिछड़ कर तू बिखरेगा न ?
जुदा हो कर मरना जरूरी नहीं है
मगर जिंदा रहना तुझे अखरेगा न ?
न याद करना कभी,न आसूँ बहाना
हाँ,पर चाँद रात को आहें भरेगा न ?
कोई इल्जाम तुझ पर न आने दूँगा
तू मेरा हौसला अफजाई करेगा न ?
अब खुदा जाने तेरे दिल में क्या है
अजय अपने दिल की ही करेगा न ?
#अजय प्रसादनालंदा(बिहार )
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