गिरगिट

0 0
Read Time2 Minute, 36 Second

vinod silva

मेरे घर के सामने
एक पेड़ पर
गिरगिट बैठा था
अपने रंग बदलने के
हुनर पे ऐंठा था
बोला रंग बदलने में
नहीं है कोई
मेरा सानी
बड़ा इतरा रहा था
मचलता जा रहा था
मैंने कहा
गिरगिट भाई
आज इंसान
जितने रंग बदलता है
जिस स्फूर्ति से बदलता है
उसका कोई मुकाबला नहीं
इतना सुनके
गिरगिट शर्मिंदा हो गया
फिर उसने कभी
अपने हुनर पर
गर्व नहीं किया

#विनोद सिल्ला
 
जीवन परिचय
 
विनोद सिल्ला 
माता का नाम/ पिता  का नाम
    श्रीमती संतरो देवी/श्री उमेद सिंह सिल्ला 
 पत्नी का नाम :- श्रीमती मीना रानी
 
  जिला फतेहाबाद (हरियाणा)
 
शिक्षा/जन्म तिथी
    एम. ए. -इतिहास, बी. एड.
व्यवसाय अध्यापन
प्रकाशन विवरण .
जाने कब होएगी भोर (काव्यसंग्रह)
खो गया है आदमी (काव्यसंग्रह)
 मैं पीड़ा हूँ (काव्यसंग्रह)
यह कैसा सूर्योदय’ (काव्यसंग्रह)
संपादित पुस्तकें 
प्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुण (काव्यसंग्रह)
 मीलों जाना है (काव्यसंग्रह)
 
सम्मान का विवरण 
डॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड-2011
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 
 महात्मा ज्योति बा फूले राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड-2012
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 
ऑल इंडिया समता सैनिक दल द्वारा 15, जून 2014 को 
उपमंडल प्रशासन, टोहाना द्वारा गणतन्त्र दिवस, 26, जनवरी 2012 को
 दैनिक सांध्य समाचार पत्र, ‘टोहाना मेल द्वारा 17, जून 2012 के
 अम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा 06, जुलाई 2014 को
लाला कली राम साहित्य सम्मान-2015
साहित्य सभा, कैथल
के सी टी ग्रूप ऑफ इन्सटीट्युशन फतेहगढ़, लहरागागा (पंजाब) 07, फरवरी 2017
 संस्थाओं से सम्बद्धता (यदि कोई हो तो विवरण दें)
हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन,टोहाना
अध्यक्ष (2013-15)
मुख्य सलाहकार (2015-17)
 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हिंदी मत लादिए लेकिन.... 

Tue Jun 4 , 2019
त्रिभाषा-सूत्र के विवाद पर तीन-तीन मंत्रियों को सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा है कि यह तो शिक्षा समिति की रपट भर है। यह सरकार की नीति नहीं है। अभी इस पर सांगोपांग विचार होगा, तब यह लागू होगी। क्यों कहना पड़ा, उन्हें ऐसा ? इसलिए कि मोदी सरकार पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।