माँ 

0 0
Read Time1 Minute, 55 Second
mala rajesh ary
माँ तुमसा कोई नही,, ना जाने कितनी रात तुम मेरे खातिर सोई नही,,
अवगुण मेरे सिर्फ तुमको ही नही दिखते,, तुम्हारे सिवाय मेरा कोई ठोर नही।।
मै भुखा होऊंगा शायद,, ये सोचकर ही भुख लगने पर भी खाती एक कौर नही,,
टिका दरवाजे पर कान आहट मेरी पाने को,, इंतजार मे तुम मेरे जब तक ना आ जांऊ,, सोती नही..
देर रात को पूछती,, चल खाना लगा दुं,, मै खाकर आया हुँ कहते ही मेरे,,
अपनी थाली परोसती माँ,, बिना गिले शिकवे के हर एक कोर को सुकुन से निगलती माँ,,
आज इस संसार की कठोरता से,, टुटकर छटपटाता हुँ मै,, थकहार जाता हुँ मै,,
वहीं सुकुन,, वही प्यार,, वही आंचल की छांव के लिये तड़प जाता हुँ मै,,
बिना शर्त,, बिना प्रलोभन तुम लाड़ लड़ाती थी,, कभी ना तुम हमारे रिश्तों को पैसे से तोलती थी,,
अब तो यहाँ हर रिश्ता बिकता है,, रुपयों की ताकत से ही टिकता है।।
फरमाईशो की फेहरिस्त है,, अब ना कोई करता तुमसा मेरा इंतजार है,,
अब कहाँ मेरे जीवन मे तुमसा,, लाड़ दुलार है…
आते ही एक गिलास पानी को भी तरस जाता हुँ,, गिले शिकवे से हो बेजार,,
माँ अब मै भुखा ही सो जाता हुँ।।
तुमको फिर मै माँ,, बहुत बहुत याद करता हुँ,,
जिस दिन तुम सपने मे आ दुलार जाती हो,, मेरी जिंदगी के रूखेपन को,, अपने आंचल से भिगो जाती हो…
माँ तुम याद बहुत आती हो।
#माला राजेश आर्य
खण्डवा(मध्यप्रदेश) 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

न याद कर

Sun May 26 , 2019
न याद कर तू दर्द भरे वो बीते हुए पल, वो समय असफलता का वह हारे हुए पल । वो  धोखे जो  किए तेरे संग इस दुनिया ने , वो छलावा जो किया तेरे संग तेरे अपनों ने। वो दर्द का समंदर जो उठा था जिंदगी में , वह यादें […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।