माँ 

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mala rajesh ary
माँ तुमसा कोई नही,, ना जाने कितनी रात तुम मेरे खातिर सोई नही,,
अवगुण मेरे सिर्फ तुमको ही नही दिखते,, तुम्हारे सिवाय मेरा कोई ठोर नही।।
मै भुखा होऊंगा शायद,, ये सोचकर ही भुख लगने पर भी खाती एक कौर नही,,
टिका दरवाजे पर कान आहट मेरी पाने को,, इंतजार मे तुम मेरे जब तक ना आ जांऊ,, सोती नही..
देर रात को पूछती,, चल खाना लगा दुं,, मै खाकर आया हुँ कहते ही मेरे,,
अपनी थाली परोसती माँ,, बिना गिले शिकवे के हर एक कोर को सुकुन से निगलती माँ,,
आज इस संसार की कठोरता से,, टुटकर छटपटाता हुँ मै,, थकहार जाता हुँ मै,,
वहीं सुकुन,, वही प्यार,, वही आंचल की छांव के लिये तड़प जाता हुँ मै,,
बिना शर्त,, बिना प्रलोभन तुम लाड़ लड़ाती थी,, कभी ना तुम हमारे रिश्तों को पैसे से तोलती थी,,
अब तो यहाँ हर रिश्ता बिकता है,, रुपयों की ताकत से ही टिकता है।।
फरमाईशो की फेहरिस्त है,, अब ना कोई करता तुमसा मेरा इंतजार है,,
अब कहाँ मेरे जीवन मे तुमसा,, लाड़ दुलार है…
आते ही एक गिलास पानी को भी तरस जाता हुँ,, गिले शिकवे से हो बेजार,,
माँ अब मै भुखा ही सो जाता हुँ।।
तुमको फिर मै माँ,, बहुत बहुत याद करता हुँ,,
जिस दिन तुम सपने मे आ दुलार जाती हो,, मेरी जिंदगी के रूखेपन को,, अपने आंचल से भिगो जाती हो…
माँ तुम याद बहुत आती हो।
#माला राजेश आर्य
खण्डवा(मध्यप्रदेश) 

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।