वरदान दो 

0 0
Read Time1 Minute, 53 Second

 

cropped-cropped-finaltry002-1.png
अपनी कृपा की कोर दो वरदान दो वरदान दो |
वागीश वीणा वादिनी करुणा करो करुणा करो |
मुझको अगम स्वर ज्ञान का वरदान दो वरदान दो |
निष्काम हो हर कामना मैं नित करूँ आराधना |
मन का कलुष तम दूर हो वरदान दो वरदान दो |
नव गीत नव लय ताल दो शुचि शब्द का भंडार दो |
शुभ  कल्पना  साकार  हो  वरदान  दो  वरदान दो |
हो विमल मति हो सरल गति शालीनता उर में बसे |
बृम्हासुता   ज्योतिर्मया   वरदान   दो   वरदान   दो |
हे धवल वसना  भगवती विद्या की देवी वंदिता |
हिमराशि सी मुक्ता लड़ी सुर पूजिता आनंदिता |
सम्पूर्ण  जड़ता  दूर  हो  वरदान  दो  वरदान दो |
अपनी कृपा – – – – – – – – – – – – – –  – –
हे हंसवाहिनी – – – – – – – – – – – – – – – –

#नाम : मंजूषा श्रीवास्तव 

साहित्यिक उपनाम : “मृदुल”

शिक्षा : एम. ए.   बी . एड
कार्य क्षेत्र : लेखन
विधा : कविता ,मुक्तक ,दोहा ,हाइकू ,गद्य में लेख ,लघु कथा ,संस्मरण आदि 
प्रकाशन : कई साझा संकलन ,विविध पत्र – पत्रिकाओं में 
सम्मान :  मुक्तक शिरोमणि ,आगमन साहित्य गौरव 2018, रंगोली मातृत्व ममता सम्मान 2017, काव्यसुधा सम्मान , रंगोली साहित्य भूषण सम्मान 2018 आदि
अन्य उपलब्धि : समय समय पर दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यक्रमो में सहभागिता 
वर्तमान पता : म. न.  05, महावीर रेज़ीडेंसी निकट तुलसी कार केयर मांस विहार ,इंदिरा नगर 
शहर : लखनऊ 
प्रदेश : उत्तर प्रदेश 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

तेरे जाने से

Tue Apr 9 , 2019
तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।