गंगा महिमा

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babulal sharma
पावन  पुण्य  है *सुरसरि*, भारत  में वरदान।
*देवनदी*  कहते   सभी, माता सम  सम्मान।।
.                     👀२ 👀
कहे *त्रिपथगा*  कुम्भ में,  मेला भरे विशाल।
रीत *जाह्नवी*  पुण्य की, भक्ति में,जयमाल।।
.                     👀३ 👀
*भगीरथी*  भू   पर  बहे, भागीरथी   प्रयास।
*देवापगा*  सदा रहे, भारत  जन  की  आस।।
.                      👀४ 👀
*मंदाकिनी* का नीर तो, अमरित पान समान।
*मोक्षदायिनी* मातु यह, भारत  का अरमान।।
.                     👀५ 👀
*गंगा*  सबका  हित  करे,  अपना भी कर्तव्य।
साफ रखे  इस नीर को, भाग्य  बनेगा भव्य।।
.                      👀६ 👀
पाप  विनाशी नीर को, कर मत  नर तू  गंद।
स्वार्थ मनुज ये त्याग दे,खुद को रख पाबंद।।
.                      👀७ 👀
जन जन का सौभाग्य है,इस नदिया के तीर।
न्हाए  पीए  पाप  हर,  और  मिटे मन  पीर।।
.                       👀८ 👀
*विष्णुपगा गंगे* सदा, शिव के धारित शीश।
केवट  की  महिमा  बढ़ी, पार   उतारे  ईश।।
.                      👀९ 👀
*ध्रुवनंदा*  कहते  जिसे,  पाप  काटती  *गंग*।
हिमगिरि से आती सदा,निर्मल जल के संग।।
.                    👀१० 👀
*सुरसरिता सुरधुनि* कहें, *नदीश्वरी* हे *गंग*।
*गौराभगिनी हिमसुता*, बहिने  दोनो  संग।।
.                    👀११ 👀
*त्रिपथगामिनी सुरनदी,सुरापगा* सब प्रीत।
शर्मा  बाबू  लाल  यह,  लिखे   वंदना  गीत।।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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