वैलेंटाइन डे

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niraj tyagi

प्यार और खुशियों से भरा दिन जिस में प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को प्रपोज करते हैं और जीवन भर साथ निभाने के वादे करते है।साल का एक ऐसा दिन जिसे जोड़े कुछ खास तरीके से मनाना चाहते है।

आज के दिन के लिए रमेश और रजनी ने कुछ खास सोच कर रखा हुआ था।दोनों ने बहुत पहले ही ये तैयारी की थी कि इस दिन वो दोनों घर से दूर घूमने चले जाएंगे और दिन का आनंद उठाएंगे।

आखिर 14 फरवरी का वह दिन आ ही गया।दोनों सुबह जल्द ही अपने घर से दूर चल पड़े जैसा कि उन्होंने प्रोग्राम बनाया था सबसे पहले वह एक मूवी देखेंगे और उसके बाद किसी पार्क में बैठकर थोड़ा सा समय व्यतीत करेंगे।

दोनों ने अपने प्रोग्राम के हिसाब से साथ साथ मूवी देखी और फिर एक पार्क में बैठकर वार्तालाप कर रहे थे,दोनों बहुत ही खुश नजर आ रहे थे।

दोनों को देख कर ऐसा लग रहा था शायद दोनों अपने वैवाहिक जीवन से बहुत खुश है।लाल रंग की साड़ी पहने हुए रजनी बहुत ही सुंदर लग रही थी और रमेश भी काफी आकर्षित करने वाली पोशाक पहने हुए था।

दोनों को देखकर महसूस हो रहा था कि दोनों शादी के इतने सालों बाद भी काफी खुश हैं।पार्क के बाहर एक दुकान वाले के पास जाकर रजनी ने रमेश से कुछ खिलाने के लिए कहा।

अभी दोनों ने बाहर जाकर कुछ खाना ही शुरू किया था कि अचानक रजनी कुछ घबराई हुई सी दिखाई दी और उसने रमेश का साथ अचानक छोड़ दिया।

रमेश कुछ समझ ही नहीं पाया लेकिन उसने रजनी की तरफ देखते हुए वह खुद ही पीछे हट गया।रजनी एक व्यक्ति के पास जाकर खड़ी हो गई बोली,अरे प्रमोद आप भी यहां पर है।

उस व्यक्ति से रजनी ने जिस तरीके से जाकर वार्तालाप किया ऐसा लगा वह उसका परिचित हो।प्रमोद भी कुछ अचंभित सा हुआ रजनी को देख कर बोला,अरे तुम यहां कैसे आयी हो,क्या घर पर बच्चों को अकेला छोड़ दिया है।

रजनी कुछ सकपकाई और अपने आप को संभालते हुए बोली जी यहां पर किसी सहेली के साथ आई थी और उसके जाने के बाद यहां पर दुकान पर कुछ खाने का मन किया तो उसके लिए खड़ी हो गई थी। बस अब वापस घर ही जा रही हूँ।

प्रमोद बोला ठीक है घर चलो मैं भी घर ही चल रहा हूँ और रजनी अपने पति प्रमोद के साथ उसके स्कूटर पर बैठकर घर की और चल पड़ी और जाते हुए उसने बड़े ही डर के साथ रमेश की तरफ देखा।

विवाह के बाद कहीं और प्यार तलाश करते शादीशुदा लोग आजकल आम हो गए है।ये रिश्ते कभी ना कभी परिवारों को बर्बादी ले ही जाते है।

रजनी और रमेश जैसे लोग प्यार के फेर में कुछ ऐसे घिरे रहते है आजकल कि कब वो अपना और अपने साथ जुड़े लोगो का जीवन खराब कर देते है उन्हें पता भी नही चलता।

#नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )

matruadmin

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