खुले आसमान के नीचे दो दिल बहलते हुए,
हां मैंने देखा है उन दोनों को टहलते हुए,
वो दो शख्स जो हमसफर हैं, हमराज ह,ैं हम साए हैं, जिन्होंने बरसो एक दूजे के संग बिताए हैं,
देखा है उन्हें एक दूसरे की आंखों में सवंरते हुए ,,
हां मैंने देखा है उन दोनों को टहलते हुए,
वह दोनों जैसे कर लेना चाहते हो अपनी वो सारी अधूरी बातें ,
जो कहीं छूट गई थी जीवन की आपाधापी में,
और जैसे जी लेना चाहते हो खुशियों के वो सारे पल ,
जो कभी जल गए थे संघर्ष की दीया और बाती में,
मैंने देखा है उन दोनों के दिलों की साफगोई को,
उनके उजले चेहरे पर बिख़रते हुए,
हां मैंने देखा है उन दोनों को टहलते हुए ,
जिम्मेदारियों की गठरी को उन दोनों ने अपने सिर से उतार दिया है,
एक दूसरे को दोनो ने भरपूर प्यार दिया है ,
देश दुनिया घूम कर अब हरिद्वार में अपनी यात्रा को थामा है ,
मगर अभी मंजिल बाकी है, जाने कहाँ फिर जाना है ,
और समंदर की चाहत रखते हैं दोनों ,
फिर भी दरिया को सम्मान देते है ,
जानने वाले उन्हें मिस्टर एंड मिसेज लोहान कहते हैं, आगंन में उनके दो फूल महकते हैं,
मगर वो दोनो उनके लिए चहकते हैं,
रास्ते हैं कठिन, कहता है सचिन,
मैंने देखा है उन दोनों की परेशानी को कि फिसलते हुए,
हां मैंने देखा है उन दोनों को टहलते हुए।
#सचिन राणा हीरो
हरिद्वार(उत्तराखंड)