#भारती विकास(प्रीती)
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प्रभु ने सृष्टि को क्या खुब बनाया
सुंदरता को मानो पृथ्वी पर बिखराया।
रंग बिरंगी बिखरा समां
कितना प्यारा लगता जहां।
चहचहाते पंछियों को देखा
सुनहरा रंग अंबर में फैला।
बारिश की टिप-टिप बूंदों को सुनाया ।
तारों की झिलमिलाहट को चमकाया।
हवाओं की शीतलता को गुनगुनाना।
लहरों का समुंद्र में लहराना।
हर्षित होकर प्रकृति को महकाना
चहु ओर मानो खुशबु को फैलाना।
झोली भर हमें,प्रकृति का वरदान दिया।
ईश्वर ने हमें प्रकृति का उपहार दिया।
समझे हम कर्तव्य को अपने
प्रकृति को नष्ट करने से बचें।
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