अंधेरो से दोस्ती

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aashutosh kumar
अंधेरो से दोस्ती कर लो
क्योंकि, उजाले तो अब सताने लगे हैं

मत करो उजाले की उम्मीद तुम,
अंधेरो से दोस्ती कर लो,
क्योंकि, अब अपने भी बुजुर्ग आश्रम
जाने लगे हैं।

जहां होती थी तेज रोशनी
अब घूप अंधेरे नजर आने लगे हैं।

आशा मत रखना औलाद से,
क्योंकि, ये भी उजाले की
तरह सताने लगे है।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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