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कैसे करूं बया ऐ इश्क तुमसे,
डरता हूं तन्हाई के खौफ से।
चाहा नहीं था की तन्हाई
ही मेरी चादर बन जाएगी,
ढोता रहा जिसे उम्र भर
वही खाली गागर बन जाएगी।
लेकिन नाकाम हसरतें फिर
ले आई मुझे उसी मोड़ पर,
जहाँ कुछ भी हासिल नहीं होता,
हर बार क्यों मैं इसी मोड़ पर आकर रोता|
शायद कुछ तो रिश्ता है मेरा इस मोड़ से
वर्ना यह अकेले ही ना रोता।
तन्हाई में मिला जो सहारा उसे निभाए जा रहा हूं।
खाली गागर फिर भी सर पर ढोये जा रहा हूं
……ढोये जा रहा हूँ….
#सोहन काग अजन्दा
परिचय:
नाम: सोहन काग
पिता: स्व श्री मेघाजी काग
शिक्षा: स्नातक
अनुभव:
1998 से आज तक दैनिक जागरण
वर्तमान
दैनिक- संझा लोकस्वामी,
समाचार पत्र- दैनिक चैतन्य लोक
वेब चैनल- खबर हलचल न्यूज़
साप्ताहिक अपराधों की दुनिया
उपलब्धि:
साहसिक उपहार केंद्रीय विधि मंत्री व सिर्वी महासभा के राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री पी पी चौधरी बिलाड़ा राजस्थान द्वारा सम्मानित|
धार (मध्यप्रदेश)
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