*शादी*

0 0
Read Time2 Minute, 45 Second

babulal sharma
ढूंढाड़ी क्षेत्रीय परम्परा
व भाषा मे बाल विवाह
न करने की प्रेरणा देने
वाली रचना
——————-

आइ रे आइ  रे आखा तीज,
लाडू पुड़ी मिठाई….. चीज।
टाबर ब्याह का बुवगा बीज,
आइ रे आइ रे.आखा तीज।
बापू   ल्यायो   नई   कमीज,
चढ़ बा  बरबादी   दहलीज।

कैवे बाप  आपणै टाबर  नै,
बेटा चाल ढोक बा मंदर  मै।
जीमण टैन्ट व्यवस्था भारी,
बेटा फेरा खाबा की छै बारी,
आई रे आई रे  आखा तीज,
लाडू  पुड़ी मिठाई…..चीज।

टाबर उठ कर मुँह खोल्यो,
अपणै बापू सू  यूँ  बोल्यो।
बापू  भूख  नहीं अब मोकूँ,
थोड़ो  पानी  पिलवा द् यो।
अर फेरा  थे .. ही  खाल्यो,
मोकू….. सो.. ले बा द् यो।

मोकू….. आवै गहरी नींद,
कोनी बणूँ मै ..।अब बींद।
टाबर .जाण्यो आखातीज,
बापू .।ल्यायो खाबा चीज,
वो उठ कर मूंडा नै.. धोयो,
पूरो पतो पड्यो तो बोल्यो।

बापू म्हानै पढबा लिखबा दै,
चोखो …मिनख ..बण बा दै।
थारा  किंया  हिया  की फूटी,
बचपन क्यूँ बांधै बापू  खूंटी।
मोकूँ आई नहीं हाल तमीज,
आई रे आई रे आखा तीज।

देख ऊ कान्या…. मान्या नै,
देख मगन्या अर छगन्या नै।
वै  आप  रै  करमा  नै  रोवै,
जमारो  बिरथा जनम खोवै।
मोपै  थोड़ो बापू सो पसीज,
आई रे आई रे आखा तीज।

टाबर  पणै  ब्याह  की रीत,
बापू  मत  पाल़ै  ऐड़ी प्रीत।
करदै  पढबा की  तजबीज,
आइ रे आइ रे आखातीज।
फेरूँ आवैगी  आखा तीज,
खावाँ  लाडू बरफी ..चीज।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सदनों में कभी हंगामा,कभी जलसा होता रहा

Thu Aug 30 , 2018
क़त्ल हुआ और यह शहर सोता रहा अपनी बेबसी पर दिन-रात रोता रहा ।।1।। भाईचारे की मिठास इसे रास नहीं आई गलियों और मोहल्लों में दुश्मनी बोता रहा ।।2।। बेटियों की आबरू बाज़ार के हिस्से आ गई शहर अपना चेहरा खून से धोता रहा ।।3।। दूसरों की चाह में अपनों […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।