परम्पराएं

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paras nath

परम्पराएं तो हैं अपनी पहचान सखी,
जब तक करे ये अपना सम्मान सखी,
जब करे ये आत्मसम्मान पर  प्रहार सखी,
तो मिल करना है इसमें सुधार सखी।

कोई भी कितना नकेल लगाये हम पर,
पर इसका परिष्कार जरुरी है,
नर- नारी सब रहे खुशहाल हरदम,
हर प्रथाओं में सामान अधिकार जरुरी है।

जब जब प्रथाएं रूढ़  हुईं,
नारी ही इसकी भेट चढ़ी,
सती प्रथा हो या दहेज़ प्रथा ,
नारी  की ही  व्यथा  कथा ।

क्यों न हो ऐसा ?
ऐसा तो होना ही था,
पग-पग परअंकुश होता है,
जहाँ पुरुष इसके नियंता है ।

गलत प्रथा का वो विरोथ करे,
तो परंपरा तोड़ने की दोषी हो,
वो परम्परा व्यर्थ हुआ,
जिसमें नारी ही पिसी जाती है ।

नारी ही अग्नि परीक्षा दे,
पुरुषों को स्वच्छन्दता का अधिकार मिला ,
ऐसी परम्पराएं घातक हैं,
जिसमें नारियों को अपमान मिला।

नाम-पारस नाथ जायसवाल

साहित्यिक उपनाम – सरल

पिता-स्व0 श्री चंदेले
माता -स्व0 श्रीमती सरस्वती
वर्तमान व स्थाई पता-
 ग्राम – सोहाँस
राज्य – उत्तर प्रदेश
शिक्षा – कला स्नातक , बीटीसी  ,बीएड।
कार्यक्षेत्र – शिक्षक (बेसिक शिक्षा)
विधा -गद्य, गीत, छंदमुक्त,कविता ।
 अन्य उपलब्धियां –  समाचारपत्र ‘दैनिक वर्तमान अंकुर ‘  में कुछ कविताएं प्रकाशित ।
लेखन उद्देश्य – स्वानुभव को कविता के माध्यम से जन जन तक पहुचाना , हिंदी साहित्य में अपना अंशदान करना एवं आत्म संतुष्टि हेतु लेखन ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।