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ईख की शक्ल में तब्दील
हो गया है आदमी
और जब जीवन की मिठास
भरने लगती है
उसीकी शक्ल का कोई ईख
बनकर आदमी चूस लेता है उसे
फिर, फेकें हुए सीठी को
खा जाता है पालतू की तरह
कोई डेढ़-पिंजरा गुलाम।
सच आदमी कहीं मर गया है
आदमियत को दफन करके
ईख में बदल गया है।
#पूनम( कतरियार)
नाम- पूनम (कतरियार)जन्म-स्थान :हजारीबाग(झारखंड)शिक्षा– एम.ए.(हिन्दी साहित्य)संप्रति – लेखनपता – पटना(बिहार)
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