गजल

0 0
Read Time2 Minute, 3 Second
sushama malik
जमी थी महफ़िल हुश्न-ओ-शवाब की, उनके साथ डूबना भा गया।
निहारा जब नयन-ए-शराब को, तो मुझे अजीब नशा छा गया।।
समेट लायी हूं मैं यादों में, झील किनारे बिताए  खुशनुमा पल।
इन शरारती नजरो को उनका, इस अदब से मुस्कराना खा गया।।
ना जाने कैसी अजब कशिश है, उस शख्श-ए-ख्वाब में।
उसके मीठे बोलों पर मुझे, कुछ असीमित सा प्यार आ गया।।
चैन-ए-सुकूँ भी मैंने खोया, नींद-ए-ख्वाब भी ना आये रात।
यादों में गुजारा हर लम्हा, कुछ यू हकीकत सामने ला गया।।
ना तमन्ना रही मुझे कोई, ना कोई तलब स्वाद-ए-शराब की।
उसके लबों का स्पर्श लगा जैसे, कोई मदिरा का प्याला पा गया।।
कभी डूबती कभी तैरती रही, खुदगर्ज के ख्याल-ओ-ख्वाब में।
होश यू गवाए “मलिक” की, नाम तेरा बदनाम में आ गया।।
 #सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१
तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास
रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित 
सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। 
सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। 
विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है। 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

"सच कहूं

Wed Jun 27 , 2018
“सच कहूं तब मन बिखर जाता है ।।”   जब अंदर से कुछ कहना हो । अनकही कसक को सहना हो।   सब कुछ छूट जाने पल हो । बिखरता आज और कल हो ।   “सच कहूं तब मन बिखर  जाता है ।।”   जब दवा भी ज़हर का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।