वीभत्स् आतंकी करतूतों से देश एक बार और दहल गया जब पाकिस्तान कहें या आतिंकस्तान की कोख व पनाहगाह में पैदा हुई नापक औलादों ने 14 फरवरी को जम्मू-श्रीनगार हाईवे पर पुलवामा के अवंतिपुरा में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के काफिले पर फिदायीन हमला कर दिया। बरबस 44 सैनिक शहीद […]

भोपाल से फरीदाबाद की यात्रा के दरमियान भारत बने भारत अभियान पर चर्चा के दौरान किसी सहयात्री ने कहा “यह तो सिर्फ नाम बदलने का अभियान है। सिर्फ नाम बदलने से क्या होगा? और नाम से क्या फर्क पड़ता है भारत हो या इंडिया? मेरे लिए यह दिल से मुस्कुराने […]

मॉरिशस में आयोजित होने वाले 11 वें विश्व हिंदी सम्मलेन के अवसर पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय,मानव संसाधन विकार मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘भाषा’ पत्रिका का मॉरिशस के हिंदी साहित्य पर केंद्रित विशिष्टांक प्रकाशित किया. यह विशिष्टांक अपने आप में विशेष है, इसमें वैश्विक स्तर पर हिंदी के विकास को विशेष […]

हिंदी साहित्य में नारी का योगदान, नारी का जीवन बहुत ही संघर्ष से विरत है महिला साहित्यकारके लिए सबसे पहले बाहरी संदर्भों में उसका आंतरिक समय होता है, जहां वह जीती और सांस लेती है, और वहीं दुसरी ओर समय की चुनौतिया जिससे वे बिल्कुल परे होती है । उनके […]

खोज और शोध के बीच झुलती विचारक्रांति आज इस बात पर जा अटकी है कि क्या जो वर्तमान में लिखा जा रहा है वह धैर्यशील या कहें समाज के सभी वर्गों पर समान अनुपात में दृष्टि डालने वाला, सभी में वैचारिक खुराक का बीज बोने वाला समदर्शी साहित्य है? सवालों […]

         बीते पांच बरसों से देश में नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के दायित्व पर काबिज हैं लेकिन जितना हो-हो हल्ला गत एक-दो माह से हो रहा है इतना कभी नहीं हुआ। क्यां इससे ये समझे कि बाकी समय में नरेन्द्र मोदी अच्छे प्रधानमंत्री थे जो अब बेकार साबित हो रहे है। माहौल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।