वर्तमान में सोशल मीडिया , अंतरजाल  में सबसे अधिक प्रचलन में  WHATSAPP  ‘ व्हाट्सएप्प ‘ हो गया है। सुबह होने से देर रात तक लोगबाग इसमें व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। घर परिवार हो या कार्यालय लोगबाग बारम्बार यह एप्प खोल – खोलकर देखा करते […]

शास्त्रों में नारी तुम नारायणी बताया गया है, नारी के बिना ये श्रुस्टी चक्र चल नहीं सकता है, फिर भी नारी को कुरीतियों से जकड़ रखा है, लेकिन डॉ बाबा साहब अम्बेडकर ने महिला ओ को कानूनी अधिकार दिलाया है, नारी को पढ़ाई के लिए और स्वरक्षण के कानून बनाए […]

राजनीति एक ऐसा विषय है जिस पर कुछ भी भविषयवाणी करना असंभव है। परन्तु, ऐसा भी नहीं कि मूकदर्शक बनकर देखा जाए और मुँह से एक भी शब्द न कहा जाए। ऐसा करना तो आज के युग में उचित नहीं होगा। क्योंकि, आज का शिक्षित एवं जागरूक समाज अब मूक […]

देश में एक ऐसा वर्ग बन गया है जो कि संस्कृत भाषा से तो शून्य हैं परंतु उनकी छद्म धारणा यह बन गयी है कि संस्कृत भाषा में  जो कुछ भी लिखा है वे सब पूजा पाठ के मंत्र ही होंगे जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है। देखते हैं –   *”चतुरस्रं मण्डलं […]

    हम प्रतिवर्ष मातृ दिवस मनाते हैं। माता सन्तान को जन्म देती है। नो महीने गर्भ में रखती है। कितना दुख दर्द सहती है। ऐसी अवस्था मे भी घर के सारे काम करती हुई परिवार की देखरेख,बच्चों की देखभाल करती है। माता सहनशक्ति की प्रतीक होती है। वह खुद […]

      भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है जहाँ, एक ही वोट से मतदाता चार संस्थाओं/ पदों के चुनावों का मार्ग प्रशस्त करता है. वोट तो वह सिर्फ लोक सभा सदस्य को करता है किन्तु उसके उसी वोट से सरकार व प्रधान मंत्री के साथ राष्ट्रपति के चुनाव का मार्ग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।