भारतीय संसद में इन दिनों प्रस्तावित शिक्षा नीति को लेकर चर्चा चली तो नीति बनने से पहले ही हिंदी थोपने का मिथ्या आरोप गढ़कर हिंदी का विरोध होना भी शुरू हो गया।जिस पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखियाल निशंक को यह तक कहना पड़ा कि हिंदी किसी पर […]

हिंदी भाषा के गौरव की स्थापना और भारत में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कृत संकल्प मातृभाषा डॉट कॉम ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किये। उसमें हिंदी के नवोदित और स्थापित रचनाकारों की रचनाओं को प्रकाशित कर पाठकों तक पहुँचाने का कार्य किया गया। मुझ समेत अनेक रचनाकार जुड़ […]

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस समय अपनी मजबूती के लिए वह हर उपाय तलाश रही है,जो कांग्रेस को उसका जनाधार लौटा सके।जिसके लिए स्वयं राहुल गांधी धीर गम्भीर होकर पार्टी नेताओं पर यह दबाव बना रहे है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद से उन्हें मुक्त कर किसी अन्य को यह जिम्मेदारी दी […]

          समय खड़ा खड़ा अट्टहास कर रहा है।        ‘मैं कहाँ बदला? मैं तो सतयुग में भी ऐसा ही था, द्वापर में भी ऐसा ही, और कलयुग में भी ऐसा ही हूँ।लोग बार-बार यह क्यों कहते हैं ‘घोर कलयुग आया है,घोर कलयुग आया है।’ […]

” एक शिक्षक ऐसा भी जो नित नयें नवाचारों से सरकारी स्कूल को बेहतर बनाने में जुटा हुआ हैं । “ ________________________ जी हां  ! हम बात कर रहे हैं शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी में पदस्थ सहायक अध्यापक गोपाल कौशल की , जिन्हें जुनून है सरकारी स्कूल को […]

भारत नेपाल सीमा रक्सौल में पिछले तीन चार दिनों से पारा 42 तक जा पहुंचा है जो पिछले साल के महत्तम तापमान से अधिक है। ऊँचे तापमान के कारण जल स्तर नीचे चला गया है। हैंड पंप और मोटर पंप से पानी की मात्रा 50% से अधिक घट गई है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।