रतनगढ़ निप्र । प्रथमबुक्स द्वारा स्टोरी विवर के माध्यम से विश्वभर में हिन्दी को बढ़ावा देने और विश्व की 200 भाषाओं में बच्चों के बालकहानियों को प्रसारित करने के लिए अपनी सेवाएं देता हैं। बच्चों के लिए चित्रकथा पुस्तक के रूप में प्रथमबक के यह प्रयास कई वर्षों से अनवरत […]

इंदौर । हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत इंदौर नगर के प्रेस काम्प्लेक्स में डी क्यू कैफे में आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए संस्थान को समर्थन प्रदान किया। इस कार्यक्रम में मातृभाषा संस्थान के राष्ट्रीय […]

किताबे अपनी एक अलग दुनिया रचती है- डॉ. रामराजेश मिश्र रचनाकारों को प्रोत्साहन मिलते रहना चाहिए- लालित्य ललित कविता कर्म एक साधक का कर्म है –डॉ शैलेन्द्र शर्मा साहित्य और कला जीवन के सात्विक अनुष्ठान है। –राजकुमार राजन उज्जैन ( म.प्र. ) किताबें अपने तरीके से अपने जीवन को जीती […]

अटल काव्यांजली साहित्यिक संस्थान सतना के प्रथम वार्षिकोत्सव दत्ता रेसीडेन्स जबलपुर में 08/09/2019 रविवार को सम्पन्न हुआ जिसकी संयोजिका डॉ मीना भट्ट जी पूर्व न्यायधीशा जबलपुर,संस्थान के अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र प्रताप सिंह भ्रमर जी ,संस्थापक तामेश्वर शुक्ल तारक निर्देशक राजेश श्रीवास्तव प्रखर थे मुख्य अतिथि बसंत कुमार शर्मा जी जीसीडीएम […]

साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा आयोजित 05 सितंबर 2019 शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर शिक्षक/शिक्षिकाओं का सम्मान समारोह बाखूबी सम्पन हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 05 बजे से आयोजित किया गया।कार्यक्रम के शुभ बेला पर मुख्य अतिथि डॉ मीना भट्ट जी,डॉ राजलक्ष्मी शिवहरे जी,विशिष्ट अतिथि डॉ कैलाश मंडलोई कदंब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।