आजकल हिंदी अपनाने और अंग्रेजी की तिलांजली देने के कर्तव्य और संकल्प दोहराएँ जा रहें है |पर सरकारी कागजों पर हिन्दी कहाँ तक और किस स्तर तक पहुँची इस बात से सब नावाकिफ ही है |भाषा विज्ञानी डॉ.जय कुमार जलज ने अपने शोध ग्रन्थ ‘भाषा विज्ञान’ में प्रकाशित एक […]
चर्चा
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आचार्य हेमचंद्र ने समस्त व्याकरण वांड्मयका अनुशीलन कर शब्दानुशासन एवं अन्य व्याकरण ग्रंथोकी रचना की। पूर्ववतो आचार्योंके ग्रंथोका सम्यक अध्ययन कर सर्वांड्ग परिपूर्ण उपयोगी एवं सरल व्याकरणकी रचना कर संस्कृत और प्राकृत दोनों ही भाषाओंको पूर्णतया अनुशासित किया है। हेमचंद्रने ‘सिद्वहेम’ नामक नूतन पंचांग व्याकरण तैयार किया। इस व्याकरण ग्रंथका […]