हिंदी के देदीप्यमान नक्षत्र दिनकर, गुप्त, निराला,पंत।है जन -जन की भाषा गाएं इसकी मंगलगाथा। राष्ट्र की शान, एकता की पहचान, जन -जन की भाषा है हिन्दी। हिंदी देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली भाषाओं में है। हिंदी जिसे निराला ने पहचाना, सुभद्रा ने सहेजा ,गुप्त ने अपनाया, और […]

आजकल  आक्रामक भाषा चलन में है, इसे चलन कहा जाय या सभ्यता का ह्रास आखिर क्या कहा जाय इसे ?समय और युगीन सन्दर्भों  के बदलाव के साथ लोकतंत्र में भी भाषा के जायके बदल रहें है इसके हाल ही में कई उदाहरण देखने में आये हैं जिसमें भाषा की मर्यादा […]

आज के इस युग में हिन्दी का सोशल मीडिया प्रचार में अहम योगदान है,आज सोशल मीडिया के सहारे हिंदी का बहुमुखी विकास हो रहा है. सोशल मीडिया आज आदमी को पूरी दुनिया से जोड़ते हैं, तो यह हिन्दी भाषा के माध्यम से ही संभव है. देसी ही नहीं, विदेशी चैनलों […]

a हमारे भारत देश की राष्ट्रीय भाषा हिन्दीभाषा का गौरव होने के साथ ही हिन्दी विश्व की प्रमुख भाषा है | हम भारतवासी 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं | 14 सितम्बर 1949 को देवनागरी में लिखी जाने वाली हिन्दी को भारत की राजभाषा होने का […]

सदियों से हमारे भारत वर्ष में पत्रों का आदान प्रदान का महत्व रहा है। कई लडाई पत्र के सही समय पर नहीं मिल पाने के कारण हुई। बहुत सारी प्रेम गाथाएं कागज पत्रों पर लिखी गई। पहले राजा महाराजा के यहां बडे़ बड़े नगाड़ों से मुनादी पिटवाया जाता था। और […]

यक़ीनन दहेज़ एक बुरी प्रथा है, जिसके कारण समाज में कई बेटियों को अपना जीवन होम करना पड़ा, इसकी जद में कई परिवार, कई घर आ गए और स्वाह हो गए किन्तु इस व्याप्त बुराई में भी एक अच्छी की किरण किसी को नज़र आई तो वो है पश्चिम बंगाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।