जैविक आक्रमण के साथ तीसरे विश्व युध्द का शंखनाद चीन की ओर से हो चुका है। अमेरिका में इस कोरोना वायरस से 15 गुना ज्यादा खतरनाक वायरस तैयार किया जा रहा है। गुपचुप ढंग से अधिकांश देश ऐसी ही तैयारियों में जुटे हैं। इस युध्द में रक्षात्मक साधनों को एलोपैथिक […]

इस सुंदर जग को ईश्वर ने बड़े ही प्रेम से बनाया है । जगत में भिन्न-भिन्न जीव जंतु ईश्वर का अद्भुत निर्माण हैं । परंतु सबसे अलग जो निर्माण ईश्वर ने किया है, वह मनुष्य नामक प्राणी का है । संसार में प्रत्येक प्राणी की एक सीमित क्षमता है । […]

हिंदी में वैज्ञानिक भाषा समाहित है।अंग्रेजी भाषा में ये खूबी देखने को नही मिलती।इसमें शब्दों के उच्चारण सर के अंगों से निकलते है।जैसे कंठ से निकलने वाले शब्द,तालू से,जीभ से जब जीभ तालू से लगती,जीभ के मूर्धा से,जीभ के दांतों से लगने पर,होठों के मिलने पर निकलने वाले शब्द ।अ, […]

21 फरवरी को दुनिया भर में विश्व मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है।इसकी घोषणा 17 नवंबर, 1999 को आयोजित मानव सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर यूनेस्को के आम सम्मेलन में की गई थी। और 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया गया। मातृभाषा हर देश और हर […]

भगवान विष्णु के नाभिकमल से ब्रह्मा उत्पन्न हुए। ब्रह्माजी से अत्रि, अत्रि से चन्द्रमा, चन्द्रमा से बुध और बुध से इलानन्दन पुरुरवा का जन्म हुआ। पुरुरवा से आयु और आयु से नहुष पैदा हुए। यानी नहुष प्रसिद्ध चंद्रवंशी राजा पुरुरवा का पौत्र था। पृथ्वी लोक पर धर्म की ध्वजा फहराने […]

, बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारा समाज अत्याचार एवं शोषण से अपने आपको मुक्त नहीं कर रहा है। हमारा समाज यह तनिक भी नहीं सोच रहा है कि आज जो हम कर रहे हैं वह सही है अथवा गलत…? जबकि आज हम शिक्षित एवं जागरूक तथा सभ्य सामाज की बात […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।