श्री बालकवि बैरागी का जैसा शांतिपूर्ण और गरिमामय महाप्रयाण हुआ, ऐसा कितनों का होता है? ऐसा सौभाग्य बिरलों को ही मिलता है। 87 वर्षीय बैरागीजी का कल अपने गांव मनासा से  नीमच आए, एक कार्यक्रम में भाषण दिया, काव्य-पाठ किया, अपने गांव लौटकर कुछ लोगों से मिले और अपरान्ह में […]

जैसे ही विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, मध्यप्रदेश के मुखिया के तैवर वैसे-वैसे अकड़ और दंभ से भरते जा रहे है |      मुखिया के हाल बदले से है, या तो हार का डर सता रहा है या फिर शिवराज भी समझ रहे है कि […]

हमें इस संसार में लाने वाली माँ क्या अपने बच्चों का कभी भी बुरा सोच सकती है क्या / परन्तु हम सब के जीवन में कभी कभी इस तरह के हालात पैदा हो जाते है की हमें उस समय निर्णय करना बहुत ही भरी पड़ जाता है / और हम […]

मदर डे विशेष आलेख…………… माँ है तो हम है, हम है तो जहान हैं। मॉं की छाव से बडी कोई दुनिया नहीं। मॉं के चरणों में जन्नत हैं, और उस जन्नत की मन्नत सदा-सर्वदा हम पर आसिन हैं। मॉं की बरकत कभी भेदभाव नहीं करती वह समान रूप से सभी […]

आधुनिक समाज में पुरुष आज भी सर्वोपरि है परन्तु हम यह नहीं भूल सकते कि एक महिला का जीवन मनुष्य के जीवन से कहीं अधिक जटिल है। एक महिला को अपनी व्यक्तिगत जिंदगी का ख्याल रखना पड़ता है और यदि वह एक मां है तो उसे अपने बच्चों के पालन […]

बच्चों की आवश्यकताएँ  सर्वव्यापी है , जहाँ उन्हें ज्ञान देने की आवश्यकता है , वही उन्हें सम्मान देने की भी आवश्यकता हैं| उन्हें संस्कारी बनाना है तो उसे सुविचारी भी  बनाना है , उन्हें परम्परा और परिपाटी से परिचित   कराना है तो स्वयं करने और सीखने के मौके को  भी  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।