श्री बालकवि बैरागी का जैसा शांतिपूर्ण और गरिमामय महाप्रयाण हुआ, ऐसा कितनों का होता है? ऐसा सौभाग्य बिरलों को ही मिलता है। 87 वर्षीय बैरागीजी का कल अपने गांव मनासा से नीमच आए, एक कार्यक्रम में भाषण दिया, काव्य-पाठ किया, अपने गांव लौटकर कुछ लोगों से मिले और अपरान्ह में […]
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