कटघड़े में करें खड़ा, लगा झूठे आरोप जिसे जब बदनाम करें, कौन सकेगा रोक। छुपाना है गर तुम्हें, अपने भौतिक भोग बाबाओं का वेश धर, करें नए प्रयोग। वैधानिक तरीकों से, करें जो गलत काम बच जाते कानून से, नेताओं के नाम। हीरोइन बन ढंक गए, सभी अनैतिक काम गलतियां […]

दोस्त! वादा किया नहीं होता। आज  तेरे,यहां नहीं  होता।। सहता  क्यों दर्द ,रोगी कैंसर का। खैनी  गुटखा ,भखा  नहीं  होता।। रंजिशें घर में,कलह नहीं  बढ़तीं। दारु-आदी,हुआ  नहीं  होता।। हाड़   ढाँचे   में   मांस  भी  होता। खून    स्मैकिया    नहीं    होता।। खांसी बलगम न श्वांस ही भरती। […]

बड़ी करिश्माई चीज़ है `औरत`, जिसे देखिए वह कहता है जिसे देखिए वह लिखता है, हर कोई समझने की कोशिश करता हैll कोई उलझी कहता है, कोई सुलझी कहता है कोई आंसू कहता है कोई मोती कहता है कोई अबला बनाता है कोई शक्ति बनाता हैl कहीं भोग्या, कहीं त्याज्या […]

भारती के लाल हम, मातृभूमि रक्षा हित प्राण दान करने में, हिचक न लाते हैं। घर-बार छोड़-छाड़, प्रियजन को बिसार रात-दिन राष्ट्र हित , एक कर जाते हैं। जंगलों पहाड़ों बीच, प्राण ले हथेलियों में काल से भी लड़ने को, भय नहीं खाते हैं। कोई शत्रु सीमा पार, करके जो […]

खर्चों में इजाफा है, तनख्वाह में इजाफा है। हर रोज कम होती जिन्दगी में सुकून खफा सा है, अब कोई भी रिश्ते में जज्बात नहीं बाकी। हर रिश्ता यही पूछे मेरा, क्या मुनाफा है। …….—-  #अमित शुक्ला, बरेली Post Views: 385

मैं छोटी-सी चिड़िया हूँ, चुन-चुन दाना खाती हूँ नदी का पानी पीती हूँ, घने  पेड़  पर रहती हूँ।   ऊंची उड़ान भरती हूँ, करती मीठी चूं-चूं हूँ अब न नदी,न पेड़ है खतरे में मेरा नीड़ है।   अब न पानी,न छाया है, पेड़ों को काट के उजाड़ा है चारों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।