जग्गु अचानक ठोकर खा कर गिरा था या खाली पेट चक्कर खा कर पता नहीं पर सब दौडकर उठाते तब तक उसकी साँसे पुरी हो चुकी थी। मैयत से आकर दो घड़ी को उसके पास बैठे सभी अपने-अपने काम पर निकल गये थे।  जिवल्या तो शायद कुछ  ठीक से समझ भी […]

सुबह के पांच बजने वाले थे । तभी गहरी नींद में सो रहे रमेश के फोन की घण्टी घनघना उठी । कुछ ही पल बाद रमेश ने अलसाते हुए फोन देखा तो कोई अपरिचित नंबर दिखा । उसने सोचा इतनी सुबह भला किसका फोन हो सकता है , पर यह […]

‘महराज मेरा व्यापार में बड़ा नुकसान हो रहा है क्या करें।’ ‘बेटा, कोई बात नहीं ईश्वर पर भरोसा रखो।भजन में मन लगाओ। दान पुण्य करो ।सब सही हो जायेगा ।बस धैर्य से काम लो।’ ‘महराज मेरी बेटी की शादी नहीं हो पा रही है बहुत परेशान हूं क्या करूं।’ ‘कोई […]

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दो दिन की थका देनेवाली यात्रा के बाद पहियों से जमीन पर उतरना विलक्षण अनुभव था। शरीर में रेल के तीसरे दर्जे की महक समा गई थी। अभी तक कंपन महसूस हो रहा था। गनीमत है स्लीपर में टिकट कन्फर्म हो गई थी। आमने सामने छ: बर्थ थीं। उसकी सबसे […]

आज सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी । बच्चे घर पर ही थे । दोपहर का समय था बच्चों के साथ रिया बैठी बारिश का आनंद ले रही थी । अचानक ही किसी गहरे ख़्याल में खो सी गई । आँखो से अनायास ही आँसू छलक पड़े ।रितु […]

शाम के पांच बजने वाले थे । बारिश का मौसम होने के बाद भी आसमान पूरे दिन से साफ था । राधा ऑफिस से निकलने ही वाली थी कि देखते – देखते काली बदलियों ने नीले आसमान को लील लिया । बीच बीच में इनकी गर्जना से रह रह कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।