गर्म हवा के थपेड़े पूरे शहर को झुलसा रहे थे,कहीं कहीं बिखरे बचे खुचे पेड़ निस्तेज पड़े थे , शहर के बीचों बीच बह रही नदी उदासी में लिपटी रेंग रही है , मानों नदी के आंसू सिमट आयें हों ,  दूर दूर  छितराये हुये पेड़ो से आती सदायें सुनने […]

      आज फिर हरिया,देर रात गये नशे में आया और पूरा घर आसमान पर उठा लिया।सिया की पूरी रात आंसुओं में गुजरी।        हरीराम, गांव का होनहार,बारहवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण युवक।सब उसे प्यार से हरिया कहते थे।पिता की खेती-बाड़ी भी अच्छी तरह से […]

बाबू जी नहीं रहे, यह खबर सभी रिश्ते-नातेदारों तक पहुँच खई ।  सुदूरवर्ती बेटे को टेलीफून से सूचित कर दिया गया । वह ठीक समय पर पहुँच गया ।  शाम तक  अंतिम क्रियाकर्म के लिए सभी  आ चुके थे। घर के बाहर लोगों का जमावड़ा था। महिलाओं ने बड़ी मुश्किल […]

“नाऊ ठाकुर राम-राम”… आगंतुक ने अपनी छड़ी ठुड्डीयों पर टिकाकर पड़ी बेंच पर बैठते हुए अपने आने का संकेत दिया… राम- राम साब जी! जमुना ने बाल काटते हुए ही प्रत्युत्तर किया। ‘ये तो अपने कलेक्टर साहब है’ उनपर नजर पड़ते ही जमुना मन ही मन मुस्कुराया… नौकरी में थे […]

राजीव पुरुषों तक तो ठीक है,पर महिलाओं से भी ये तुम्हारी जो बात बात पर ताली दे हँसने की आदत है।वह सबके सामने जरा ठीक नही लगती।ओर मेरे मायके में तो इसे बड़ा बुरा माना जाता है।क्या तुम मेरे लिए अपनी यह आदत सुधार नही कर सकते।राधिका राजीव से विनीत […]

      राखी एक बहुत ही समझदार लड़की है और अपने बचपन से बड़े होने तक उसने हमेशा अपने घर वालों की बातचीत मानते हुए अपना जीवन आगे बढ़ाया।बचपन से बड़े होने तक उसने अपने पिता को हमेशा ईमानदारी से अपने कार्य करते हुए देखा।       हमेशा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।