भाग ४……………. मुंबई प्रवास के दौरान कितने ही कलाकारों से रूबरू होने का मौका मिला…बी.आर.स्टूडियो में हर रोज तमाम फिल्मी हस्तियों का आना-जाना लगा रहता था…उनके साथ जुड़े अनगिनत यादगार लम्हे हैं,जो स्मृतियों में आज भी ताजा हैं…उन्हें इकठ्ठा करने की कोशिश करूं तो एक खूबसूरत गुलदस्ता बन जाए…l […]
संस्मरण
भाग-३……………… फिल्म उद्योग में सभी पेशेवर हैं,काम के प्रति समर्पित,समय के पाबन्द। अलग-अलग प्रदेश,अलग-अलग भाषा के लोग कितनी अच्छी समझ के साथ मिलकर काम करते हैं,मुंबई फिल्म उद्योग इसकी मिसाल है। इस बीच फिल्म्स राइटर्स एसोसिएशन की सदस्यता भी मुझे मिल चुकी थी। करीब दो सप्ताह के बाद एक रोज मैंने हरिवंशराय […]
(दिलीपकुमार की वर्षगाँठ पर विशेष) बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी,होंठों पर फबती हंसी,उबाल खाता जोश,अभिनय में बर्फ-सी शीतलता के साथ अभिव्यक्ति की तीव्रता,जिसकी खूबी का बखान करते वक्त एक बार तो सारे विशेषणों, उपमाओं और उपमेयों का भंडार भी अपर्याप्त-सा महसूस होने लगे,जिसे कभी ‘ट्रेजडी किंग’ कहा जाए तो कभी अभिनय का […]