पितरपख लगा है कौव्वे कहीं हेरे नहीं मिल रहे। इन पंद्रह दिनों में कौव्वे हमारे पितरों के साँस्कृतिक दूत बनके आते थे। अपने हिस्से का भोग लगाते थे।  कौव्वे पितर बनके तर गए या फिर पितरों ने ही कौव्वों को आने से मना कर दिया। मैंने मित्र से पूछा–आखिर क्या […]

 आज कल एक नई फैशन और नई सोच समाज में तेजी से बढ़ रही है ।जहां शिक्षित वर्ग इसका अनुसरण करते नजर आ रहे हैं, वहीं पुरातन वादी सोच के व्यक्ति इसका विरोध भी कर रहे हैं। क्या आप सभी में से किसी ने कभी सोचा है कि हम साथ […]

संजा पर्व मालवा , निमाड़ ,राजस्थान ,गुजरात के क्षेत्रों में कुंवारी कन्याए गोबर से दीवार पर सोलह दिनों तक विभिन्न कलाकृतियाँ बनाती है तथा उसे फूलों व् पत्तियों से श्रंगारित करती है वर्तमान में संजा का रूप फूल -पत्तियों से कागज में तब्दील होता जा रहा है ।माता पार्वती की […]

मनावर जिला धार (मप्र ) के वरिष्ठ कवि श्री शिवदत्त जी “प्राण ” ने लगभग 60 वर्ष पूर्व गणेश जी की स्वरचित आरती लिखी थी जो पूरे मनावर एवं  आसपास के क्षेत्रों  में संगीत के साथ आज तक ये ही आरती गणेशउत्सव पर गाई जाती है- आरती गजानन जी की ,पार्वती […]

मंत्र णमोकार जब से, मैंने भजा / यूं लगा मेरा जीवन सफल हो गया / आस्था मेरी मंत्र में बड़ाने लगी / और विशवास मेरा अटल हो गया / मंत्र णमोकार जब से मैंने भजा / मै गया विद्यासागर के सत संघ में / मेरा तन मन रंग उनके ही […]

श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण, का इतना फल हो / मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो / -जन्म जन्म से भाव संजोये, दीक्षा पायेगे / नग्न दिगंबर साधू बनकर, ध्यान लगायेंगे / अनुकम्पा का बरदहस्त यह, मेरे शिर धर दो /१/  मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।