डर अंधेरों का कुछ भी सताता नहीं, साथ मुझको उजालों का भाता नहीं। अक्स जबसे मिरा आइना हो गया, ये जमाने से कुछ भी छिपाता नहीं। मुझको जिसका तसव्वुर रहे रात दिन, रूबरू इक घड़ी को भी आता नहीं। दिल मे खंज़र  चुभा है मगर दोस्तों, ज़ख्मे-दिल मैं किसी को […]

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मैं अपने मर्म की बात अपने होंठों से कैसे कहूं ? हालांकि !, मौन मेरी  भावनाओं की मुखरित भाषा है। फिर! मेरे शब्दों का शोर और तमाशा क्यूँ न बने, जब……………। कभी न थकने और थमने वाली,मेरी हिन्दी भाषा है॥ नवयुग की आवाज़ है हिन्दी,संवाद मेरे हैं  बेहतर, हिन्दी मेरी […]

(स्वामी विवेकानन्द जन्मदिवस ,युवा दिवस विशेष) उठो देश के भावी युवाओं हिन्द ने तुम्हें बुलाया है, लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है। देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है, विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है। उठो देश के भावी […]

भाग्य विधाता सोच रहा सब। तू हस्तरेखाएँ क्यों देखे॥ नितदिन सूरज उगता रहता। तू ढलता सूरज क्यों देखे॥ देख गगन भी गरज रहा अब। तू सूखी जमीं को क्यों देखे॥ जग रौशन करना है तुम्हें। गम का अंधेरा क्यों देखे॥ अपने हुनर पे है यकीं जब। जाति-आरक्षण तू क्यों देखे॥ […]

जब भी तुम उदास होते हो, उदासी मेरे चेहरे पर छा जाती है। आँसूओं से आँखें तेरी नम होती है, बरसात मेरी आँखों से हो जाती है। न जाने कौन-सा रिश्ता है हम दोनों में, तू रातभर करवट बदलता है,नींद मुझे भी नहीं आती है। तेरी मुस्कुराहट मेरे होंठों की […]

पल्लल्वित हो,प्रगतिशील हो ऐसा रोपित बीज हो, बहुजन हिताय,बहुजन सुखाय ऐसी अपनी नीति हो, न धर्म हो न जाति हो न भाषावादी रीति हो, हो बसन्त चहुओर न ज्यादा गर्म हो न शीत हो, हिन्दू मुस्लिम सिख पारसी आपस में सब मीत हो, औंधे मुँह गिरे हरदम जो छल प्रपंची […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।