आत्मचिंतन करते रहिए स्वयं को अच्छा बनाते रहिए बुराई कोई न रहे अपने में ऐसा प्रयास करते रहिए आत्मचिंतन से स्वयं को बदले प्रभु चिंतन से युग को बदले दोनो ही बदलाव करते रहिए स्वयं व युग को बदलते रहिए तरक्की का आधार यही है चिंतन का प्रकार यही है […]

तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है / और तू मेरे गांव को गँवार कहता है / ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात पता है / तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है // थक गया है हर शख़्स काम करते करते // तू इसे अमीरी का बाज़ार […]

आज मुझे मॉ की बहुत याद आई मेरे घर बिल्ली अपने बच्चे को दबा लाई, बहुत डराया बहुत भगाया पर ना मानी छुपा आंचल में छोटा सा छौना देख हमें गुर्राई मां तब तुम मुझे बहुत याद आई आंगन के अमरुद पेड़ पर बना नींद चिड़ियों ने रक्खा तिनका तिनका […]

मात यशोदा का लाल कन्हैया, मेरा प्यारा छौना हैं। लाड लडाती लाल को अपने, मोर मुकुट सम सोना हैं।। आज जमाना हमसे रूठा, भारत कहता बात यही। मात कन्हैया को साथ लिटाये, बिछा के लाल बिछौना हैं।। #नीतेन्द्र सिंह परमार ‘भारत’ परिचय : नीतेन्द्र सिंह परमार का उपनाम-भारत है। डी.सी.ए. के […]

सज – धज कर दुपहिया पर घर से निकलते हैं कुछ युवा होते लड़के और मौसम चाहे कोई हो छाँव से भी झुलसती हैं लड़कियां आँख तक , मुहं पर दुपट्टा बांधे ही घर से निकलती हैं कुछ लड़कियां । देखा है मैंने – स्कूल कॉलेज या कोचिंग के समय […]

रहोगे कब तलक मुझसे दूर नज़रें चुराओगे करोगे पास आने के बहाने सौ बनाओगे। रहोगे कब तलक मुझसे दूर नज़रें चुराओगे। अभी हूँ इश्क़ हाज़िर मैं चला जब दूर जाऊँगा शिकायत फिर करोगे तुम रूठकर मुँह फुलाओगे। रहोगे कब तलक मुझसे दूर नज़रें चुराओगे। साथ है वक़्त तू लम्हा मुझे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।