*दृश्य*( कचड़े बीनने वाले चार किशोर दौड़ते हुए मंच पर प्रवेश करते हैं और जमीन पर धम्म से बैठ जाते हैं )पहला किशोर(हाँफते हुए )- अबे छोटुआ,जल्दी निकाल पर्स।छोटू – पर्स हमरा पास नहीं है रे भिखुआ। राजु के पास है।राजु ( उत्साहित होते हुए )- आज हमारा बालदिवस बढ़िया […]

हम ने प्यार किया है उन से, अब उन को न छोड़ेगे, हमे ऐसे परेशान न कर जमाने वाले, हम खुद बता देगे बस हमे चैन से जीने दे। हम ने हाथ उन का पकड़ा है, जिंदगी भर साथ निभाने को, हम खुद बता देगे जमाने को, बस हमे अपने […]

मैंने ओढ़ी चुनर पिया नाम हो गई मगन मैं तो आज । लाल लाल चुनर में हीरे जड़वाए गोटा लगवाया झालर दार मैंने ओढ़ी चुनर पिया नाम … चम चम चमके चुनर मेरी छम छम बाजे पायल मेरी झूमू मगन होकर आज मैंने ओढ़ी चुनर पिया नाम …. लाल लाल […]

नई दिल्ली | 08 नवंबर शाम को भारत के प्रमुख हिन्दी समाचार एवं विचार वेब पोर्टल प्रभासाक्षी ने अपनी 18वीं वर्षगांठ पर उल्लेखनीय लेखन, हिन्दी सेवा, पत्रकारिता के लिए बागरा कस्बे के देवेंद्रराज सुथार को ‘हिन्दी सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया। कांस्टीटूशनल क्लब नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह […]

वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी , ज़हाँ चीड़ीयो की की चहचाहात रही चांदनी , खेतो मे खिलखिलाती रही रोशनी , भँवरो मे मुस्कुराहट भरी है , वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी ! सूर्य की किरणे चमकता ही रहता है , पेड़ो मे फल लदा ही रहता […]

पश्चिम बंगाल लोक कला और संस्कृति के मामले में एक समृद्ध राज्य है…शांतिनिकेतन यात्रा संस्मरण की कड़ी में पश्चिम बंगाल के ‘बाउल संगीत’ का जिक्र भी जरूरी है…यह संगीत यहां की विरासत है…इस संगीत ने यहां के सांस्कृतिक जगत में बहुत कुछ जोड़ा है… बाउल संगीत ऐसा है कि सीधे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।