दरअसल किस्सा वहीँ से शरू हुआ जब प्रेम में भीगे दो मनुष्यों का मिलन हुआ और आबाद होने लगी ये दुनिया दो पत्थरों का प्रेम ही था वह शायद जो चमक उठा था घर्षण के साथ आँसुओं के निर्माण से पहले आक्सीजन और हायड्रोजन में भी प्रेम की आहट हुई […]
“सुना है कि तुम तीर्थ पर गए थे ?” “सही सुना है तुमने “ “कौन से तीर्थ पर गए थे ?” “गांव ।” “गांव ! गांव कोई तीर्थ होता है क्या ?” “हाँ…” “वो कैसे ?” “क्योंकि वहाँ मेरे माता-पिता रहते हैं।” राम मूरत ‘राही’, इन्दौर परिचय- नाम — राम […]
मिर्जा का शरीर बढ़े रक्तचाप के लपेटे में आ गया था| डॉक्टर ने दवाई के साथ कुछ परहेज भी बांधे थे| मिर्जा का मन परहेज का आदी न था| उठते बैठते मुये डॉक्टर को सौ-सौ लानते भेजते| “रोटी में थोड़ा घी तो चुपड़ दिया करो| सूखी रोटी हलक से नीचे […]
जुगनुओं की तरह, टिमटिमाते रहो। तिरगी ज़िन्दगी से, मिटाते रहो।। ज़ख्म भी हैं बहुत, दर्द भी कम नहीं। अश्क पीते रहो, मुस्कुराते रहो।। मयकशों से तमन्ना , करे मयकदा। तिश्नगी हर दिलों की, बुझाते रहो।। ग़म की रातें, अंधेरों के साये घने। इक चरागे मुहब्बत, जलाते रहो।। इसमे शोले भी […]
दुनिया का दिमाग ठीक करने वाले पागल हुए जा रहे है। हाथियों से लड़ने वाले मच्छरों से घायल हुए जा रहे है। किस समय क्या होने वाला है ये कोई नहीं जानता क्योंकि जो खुश रहना चाहते है। वही आज पल पल रो रहे है क्योंकि हवा के हर झोके […]
पगडंडियां ठेकेदार नहीं बनाते इनके लिए आवंटित नहीं होता कोई बजटइसलिए इनमें रुचि नहीं होती किसी नेता, इंजीनियर या बाबू की पगडंडियां बनती है। कुचले जाने से नरम घास दोपाये या चौपाये के पैरों तले वे सींची जाती है कांटे और कंकर चुभे पैरों से रिसते खून से कूटी जाती […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।