अनंत किस्सा

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दरअसल किस्सा वहीँ से शरू हुआ
जब प्रेम में भीगे दो मनुष्यों का मिलन हुआ
और आबाद होने लगी ये दुनिया

दो पत्थरों का प्रेम ही था वह शायद
जो चमक उठा था घर्षण के साथ
आँसुओं के निर्माण से पहले
आक्सीजन और हायड्रोजन में भी
प्रेम की आहट हुई होगी जरूर

बीज को मिटटी और नमी का जब मिलता है प्रेम
तो धूप में हरी पत्तियाँ निकल आती हैं
रसों के मिलन के बाद खिल ही जाते हैं फूल

दरकने लगते हैं पहाड़
जब कम होने लगता है प्रेम
बस्तियां जलने लगती हैं
तटबंध टूट जाते हैं
विश्वास बह जाता है सारा

जारी रहेगा जीवन का यह किस्सा
धड़कता रहेगा जब तक प्रेम अनंत
नष्ट नहीं होगी कभी
यह ख़ूबसूरत दुनिया.

ब्रजेश कानूनगो

इंदौर

परिचय

ब्रजेश कानूनगो

शिक्षा : हिंदी और रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर (मास्टर डिग्री)

प्रकाशन:

व्यंग्य संग्रह – पुनः पधारें, सूत्रों के हवाले से, मेथी की भाजी और लोकतंत्र।
कविता संग्रह- धूल और धुंएँ के पर्दे में,इस गणराज्य में,चिड़िया का सितार, कोहरे में सुबह।
कहानी संग्रह – ‘रिंगटोन’।
बाल कथाएं- ‘फूल शुभकामनाओं के।’
बाल गीत- ‘ चांद की सेहत’।
उपन्यास- ‘डेबिट क्रेडिट’।
आलोचना (साहित्यिक नोट्स) – ‘अनुगमन’।
यात्रा डायरी/संस्मरण- ‘रात नौ बजे का इंद्रधनुष’।

संप्रति: सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी। साहित्यिक,सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में संलग्न। तंगबस्ती के बच्चों के व्यक्तित्व विकास शिविरों में सक्रिय सहयोग।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।