मन करता है गीत लिखूँ मैं, एक लिंग दीवाने पर। मातृ भूमि के रक्षक राणा, मेवाड़ी परवाने पर।।✍ १ चित्रांगद का दुर्ग लिखूँ जब, मौर्यवंश नि: सार हुआ। मेदपाट की पावन भू पर, बप्पा का अवतार हुआ। कीर्ति वंश बप्पा रावल के, मेवाड़ी पैमाने पर। मन करता है गीत लिखूँ […]
