परिंदो लौट जाओ आशियानों में

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परिंदो लौट जाओ आशियानों में
न उड़ो आसमानो में
अँधियों का दौर है
वर्चस्व की दौड है
अब खतरे चारो ओर है
अब तो साँसों को पाने की भी होड़ है
तन्हाइयो का दौर है
रिश्तो में भी अब तरन्नुम दिखती नहीं
हसरते अनगिनत पर अब कुछ रस्मे भी निभती नहीं
रिश्तो में प्यार की जगह भार है
अब तो रिश्ते क्या अपनी परछाइयों से भी घबरा रहे
छुप रहे थे अपने में
रख रिश्तो को ताक पर
अब वक़्त ने दिया है एक मौका
रिश्तो को सवारने और निखारने का
अनगिनत ख्वाहिशें और दौड़ का बने थे हम हिस्सा
आज फिर से अपने संस्कार और संस्कृति को पाने का वक़्त आया है
आ लौट चले फिर उस ज़माने में जिस को हमने गवाया है
जहाँ दूरिया की कोई जगह नहीं होती
घर मन्दिर सा होता और बडों की जगह वृद्ध आश्रम में नहीं होती
आ उस आँचल में फिर से छिप जाये जहाँ रिश्तो से दूरिया रूबरू नहीं होती
आ लौट चले उस ज़माने में
आ लौट चले उस ज़माने में
परिंदो लौट जाओ आशियानों में
न उड़ो आसमानो में। ………
#शालिनी जैन

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।