जिनको हमने दोस्त बनाया , वही पीठ पर भोके खंजर। जिनको हमने अपना माना उनके हाथ खून से लता पथ। देखो चीन पुनः सीमा पर, युद्ध करने के लिए आया है । भारत ने भी ठान लिया है , अक्साई भारत बनाना है ।। तम्बू गाड़े या बनाये बंकर , […]
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*साहित्य की ये सरिता यूँ ही अविरल बहती रहे:- कुशवाह* भवानीमंडी | अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई भवानीमंडी द्वारा प्रकाशित साहित्य दर्शन ई पत्रिका के चतुर्थ अंक पावस प्रकृति और प्रीति का विमोचन भव्य ऑनलाइन विमोचन समारोह में सोमवार को मुख्य अतिथि भंवरसिंह कुशवाह प्रधान संपादक बालाजी टाइम्स के कर कमलों […]
