नमन करूं मैं ,करूं मैं वंदन, मस्तक तिलक, लगाऊं चन्दन। स्वागत करूं मैं श्रोताओं का, पाठकों का करूं अभिनन्दन। श्रोताओं बिन महफ़िल सूनी, हैं गजलें भी सूनी सूनी। शायर हैं सब खोए खोए , शायरी भी सूनी सूनी। पाठक बिन रचनाएं सूनी, हैं कथा कहानी भी सूनी। लेखक हैं सब […]
