नमन करूं मैं ,करूं मैं वंदन, मस्तक तिलक, लगाऊं चन्दन। स्वागत करूं मैं श्रोताओं का, पाठकों का करूं अभिनन्दन। श्रोताओं बिन महफ़िल सूनी, हैं गजलें भी सूनी सूनी। शायर हैं सब खोए खोए , शायरी भी सूनी सूनी। पाठक बिन रचनाएं सूनी, हैं कथा कहानी भी सूनी। लेखक हैं सब […]

गुजरात की राजधानी गांधीनगर के सामाजिक कार्यकर और हिंदी गुजराती साहित्यकार, महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधी नगर के अध्यक्ष, इंडियन लायंस गांधीनगर स्वर्णिम क्लब के उपाध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल को गुलाबी नगरी जयपुर से” नारायण स्पेशल अवार्ड” से सम्मानित किया गया है, यह उल्लेख करना चाहिए कि श्री […]

रेल अपनी पूर्ण रफ्तार में थी | कढाके की ठंड में पाखाने के नजदीक ठीक दरवाजे के सामने जमीन पर फटे-पुराने चीथड़ों में एक निर्धन किसान बैठा हुआ था | वह ठंड से कांप रहा था और बार-बार अपनी जेब को टटोल रहा था | वह यह प्रयास निरन्तर पिछले […]

 सिंदूरा और वैभव “लव वर्डस” के नाम से जाने जाते थे. बैकिंग के कोचिंग सेंटर में दोनो की मुलाकात हुई थी. प्रतियोगिता परीक्षा समाप्त होते ही प्यार इतना परवान चढ़ा की दोनो ने शादी कर ली.जब रीजल्ट आया तो सिंदूरा का चूनाव हो गया जबकि वैभव पीछे रह गया था.जल्दी […]

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने अपनी प्रवक्ताओं की एक नई सूची जारी की है जो संगठन के विषय में मीडिया से जानकारी साझा करने तथा टेलीविजन चेनलों की बहसों में सम्मिलित हो सकेंगे। ये सभी निम्नानुसार हैं: श्री विजय शंकर तिवारी, इंदिरापुरम गाजियाबाद, उत्तर-प्रदेश मो. 98998 35132 श्री देवजी […]

सोना चांदी हीरे मोती, तो तुम पहले बेच चुके। बचा हुआ था साहित्य, जिसको अब तुम बेच रहे। सब कुछ खत्म हो जायेगा, बस थोड़ा सा इंतजार करो। वो दिन भी अब दूर नहीं, जब स्वंय को ही खोजोगे।। क्योंकि, अब तो साहित्य बिक रहा, गली मोहल्ले और चौराहो पर। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।