ओड़िशा के कटक में 23 जनवरी 1897 को जन्मे, कटक और कलकत्ता में पले-बढ़े, पिता की इच्छापूर्ति के लिए मात्र 23 वर्ष की आयु में आईसीएस पास करने वाले किन्तु अंग्रेजों की चाकरी करने को तैयार न होने के कारण उससे त्यागपत्र देने वाले, आजादी के लिए लड़ते हुए ग्यारह […]

नील की खेती में कुछ गधे एक घोड़ी के साथ घुसकर खच्चरों की संख्या बढ़ाने की कोशिशों में फसल का सत्यानाश कर रहे थे। जिस सिपाही को वहाँ की देखभाल के लिए तैनात किया गया था उसे दफेदार के आदेश के बगैर अपनी मर्जी से कुछ करने पर मनाही थी। […]

हर दिन हमारा शुभ है जब तक रहे प्रभु याद प्रभु ही है पिता हमारे फिर क्यो करे फरियाद पालन पोषण करते प्रभु रखते हमारा ख्याल जन्म से पहले कर देते प्रभु भूख का इंतजाम हवा,पानी,अन्न,आश्रय दिया प्रभु ने हमे उपहार चाहिए ओर क्या हमको बस करे प्रभु से प्यार […]

नेता जी सुभाषचंद्र बोस जयंती विशेष है नमन तुम्हें नमन , नेता जी तुम्हें नमन। माँ भारती के लाल को, शत शत बार है नमन। रग रग में देशभक्ति की, रसधार है बहे। सुभाष तेरी वीरता का, कोई सार क्या कहे? ना रास आई तुमको, गुलामी देश की। की कल्पना […]

लूटाकर सब कुछ अपना तुम्हें खुश नहीं कर पाये। जमाने की खाकर ठोकर संभल तुम नहीं पाये। अपने और परायो को नहीं पहचान तुम पाये। क्योंकि तुम खुद किसी के दिलमें जगह नहीं बना पाये। । कसम खा खा कर तुमने न जाने कितनो को लूटा। न जाने कितनो को […]

सौगंध राम की खाते है, मंदिर वहीं बनाएंगे-निडर इंदौर । हिन्दी काव्य मंचों के सशक्त हस्ताक्षर और ओजस्वी भाव के कवि जिन्होंने सौगंध राम की खाते है, मंदिर वही बनाएंगे जैसी अतुलनीय नारे लिखे, फिरोजाबाद के कवि ओमपाल सिंह ‘निडर’ को ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा ‘स्वर्णाक्षर सम्मान’ से सम्मानित किया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।