
नेता जी सुभाषचंद्र बोस जयंती विशेष
है नमन तुम्हें नमन ,
नेता जी तुम्हें नमन।
माँ भारती के लाल को,
शत शत बार है नमन।
रग रग में देशभक्ति की,
रसधार है बहे।
सुभाष तेरी वीरता का,
कोई सार क्या कहे?
ना रास आई तुमको,
गुलामी देश की।
की कल्पना थी तुमने,
आज़ाद देश की।
जलियावाला कांड,
दहला गया तुम्हें।
जीने का नया लक्ष्य,
बता गया तुम्हें।
बस रक्त मुझे दे दो,
आज़ादी मैं दूंगा।
आज़ाद होगी माता,
मैं दम तभी लूंगा।
है डर नहीं मुझे किसी,
माई के लाल का।
है दूध पिया मैनें भी ,
अपनी मात का।
डाले जो नज़र बुरी,
निकालूँ आँख वो।
छुए जो माँ का आँचल,
मैं काटूँ हाथ वो।
जय हिन्द मेरा नारा है,
और हिन्द मेरी जान।
बहा के रक्त अपना ,
बचाऊँ इसकी शान।
आज़ाद हिंद फौज के,
हम जवान हैं।
माँ भारती की रक्षा को,
लुटाते जान हैं
फिरंगियों उनकी हम,
औकात बताएंगे।
दुश्मनों का चीर सीना,
अपना दम दिखाएंगे।
सुभाष क्या खूब थी,
तेरी हर अदा।
गाथा तुम्हारे शौर्य की,
रहेगी अमर सदा।
स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद-औरैया