जनपद आगरा की तहसील फतेहाबाद के गांव – रिहावली में यमुना नदी के तट पर स्थित मॉं कालिका मंदिर (आश्रम) आस्था का प्रमुख केंद्र है । प्राचीन समय से यहॉं श्रद्धालुओं की आस्था रही है और आज भी जस की तस बनी हुई है । काफी समय तक मंदिर का […]

कवि कला संगम परिवार व सुरभि साहित्य अकादमी के द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार श्री ॠषिराज जी निमाड़े इन्दौर( खंडवा की माटी) का हरीगंज स्थित कार्यालय पर सम्मान किया गया। डॉ जगदीश चंद चौरे ने बताया कि श्री निमाडे खंडवा की माटी के कलाकार है, इन्हें संवाद साहित्यक सांस्कृतिक सामाजिक शोध संस्थान […]

मोदी है तो सब मुमकिन है,हो न जरा निराश, गैस चूल्हे चले जाएंगे,रहेंगे मिट्टी चूल्हे पास। रहेंगे मिट्टी चूल्हे पास,पेट्रोल गाडी चली जाएगी। दुबारा फिर तुम्हारे पास बैलगाड़ी चली आएगी । कह रस्तोगी कविराय,सुनो अंध विश्वासी मोदी। सब चीज मुमकिन है,कुछ समय रह गया मोदी। आर के रस्तोगी गुरुग्राम Post […]

सावन बीता भादो बीता लेकिन तुम ना आए पतझड़ बीता बसंत आया फिर भी तुम ना आए आते आते ना जाने तुम को कितने बरस लग जाए और तुम्हारे इंतजार में हम ही इंतजार बन जाए कभी-कभी लगता है जैसे कोई नहीं तुम मेरे लेकिन कभी-कभी लगता है कि तुम […]

समय व्यर्थ गंवाते हम खुद को व्यस्त बताते हम सद्कर्मो के लिए समय नही कैसे खुद को बहकाते हम परनिंदा मे समय न गंवाये झूठ बोलने से खुद को बचाये सच का सदा साथ दे हम नही रहेगा फिर कोई गम अपना समय सुकारत कर लो जीवन मे खुशियां भर […]

उधार लेकर घी पीने की कहावत सुनी जरूर थी परन्तु उसे सरकारों के माध्यम से चरितार्थ होने की निरंतर स्थिति में तीव्रगामी होते पहली बार देखा। सरकारों के बजट पर ईमानदार करदाताओं की खून पिपाषु नीतियां हमेशा से लागू होती रहीं है परन्तु इन दिनों विकास के नाम पर कुछ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।