इंदौर । सर्वाधिक हिन्दी प्रेमियों से सुसंगठित हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा प्रतिवर्ष दो हिन्दी साधकों को ‘हिन्दी गौरव अलंकरण’ से विभूषित किया जाता है। इसी शृंखला में वर्ष 2021 के हिन्दी गौरव अलंकरण चयन समिति ने मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के मंत्री एवं […]

इतना सीधापन किस काम का न दूर का दिखाई दे न पास का हमने भगवान समझ पूजा तुम्हे पर तुम्हें लगा यह किस काम का तुम्हे अंधेरे में रख किया उसने वार ओर तुम घायल हो गए खामखा फलो पर पत्थर मारे वे किसके थे अपना बाग उजाड़ते हो खामखा […]

मातृभाषा दिवस के अवसर पर विशेष विचार श्रृंखला – भाग 2 यूपी बोर्ड की परीक्षा में आठ लाख विद्यार्थियों का हिन्दी में फेल होने का समाचार 2020 में सुर्खियों में था. कुछ दिन बाद जब यूपीपीएससी का रेजल्ट आया तो उसमें भी दो तिहाई से अधिक अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी […]

आओ बैठें कुछ पल, और चिंतन करें। क्या सही, क्या गलत, इसका मंथन करें किया जिसने चिंतन, वो ही ज्ञानी हुआ। रस, रसायन का वो, सदा विज्ञानी हुआ। ऋषियों मुनियों ने भी , सदा चिंतन किया। रामायण और गीता में, जीवन का सार दिया। निखरता है व्यक्तित्व, सिर्फ चिंतन से। […]

बिहार के सीवान जिले के चैनपुर गांव के भीष्म प्रसाद के पुत्र युवा साहित्यकार रुपेश कुमार को ‘विश्व जन चेतना ट्रस्ट भारत’ से “वगिश्वरी पुज्ज – 2021” सम्मान से बसंत पंचमी 17 फरवरी 2021 को सम्मानित किया गया ! रूपेश भौतिक विज्ञान के छात्र होते हुए साहित्य में गहरी रुचि […]

बहुत याद आए , बचपन प्यारा। सुन्दर सलोना , समय प्यारा प्यारा। ना सोने की चिंता। ना उठने जल्दी । ना काम कोई था, ना कोई भी जल्दी । वो गुड्डा गुड़िया की, शादी निराली। वो नाचना मस्ती में, बनके बाराती। वो गुल्ली डण्डा, साइकिल चलाना। वो खो-खो, कबड्डी, वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।