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तपती हूँ मैं जलती हूँ मैं, होकर निष्प्राण जैसे मरती हूँ मैं.. रौंदकर मेरे सम्पूर्ण विस्तार को, बना डाला है मुझको अभागिन धरा। कर दिया खोखला तूने मेरी देह को, क्यूँ बनाया है बंजर मेरी कोख को.. करके दोहन मेरा छीन गहना लिया, पेड़-पौधों को भी तूने तनहा किया। पत्ते-पत्ते […]

भव्यता,विहंगमता,अदभुत और राजनीतिक षडयंत्र का शानदार तालमेल फिल्म ‘बाहुबली’ है। महिष्मति राज्य का शासन रानी शिव गामिनी (रमैया कृष्णन) सम्भालती है। उसका बेटा भल्लाल देव(राणा डग्गुबाती)शुरू से ही कपटी ओर छली है। रानी अमरेंद्र बाहुबली(प्रभास)की चाची रानी माँ है,परन्तु वह इस बालक को वीर तथा पराक्रम को देखते हुए उसे […]

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भारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है। तकरीबन १७१ भाषाओं और ५४४ बोलियों के साथ १२५ करोड़ आबादी वाला हमारा देश कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से अरुणांचल तक फैला हुआ है। संविधान सभा ने संविधान बनाते समय भारत के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी परिक्षेत्र को भाषाई आधार पर गैर हिन्दी […]

[मजदूर दिवस (१ मई )पर विशेष ] उन्हें कोई फर्क नहीं पढ़ता, रात अमावस की हो काली या हो पूर्णिमा की उजियारी, अपने पसीने की लालिमा से सर्वत्र रोशन किया है उसने, जहां पहुंचने में रवि की किरण असहाय हो जाती है। तन ढँकने को तनिक-सा चिर ज्यादा दिखाई देता […]

किसी के दुःख को न समझ पाना भी तो,बहुत बड़ा पाप है, किसी को तनावग्रस्त करना भी, बहुत बड़ा अभिशाप है। कितना दर्द है इसमें मुराद ही जो, पूरी नहीं होती , ख़ून के आँसू पीने से बड़ा,और कौन – सा विलाप है। तप्त आँसूओं की गरमी में तो, दर्द […]

जिंदगी तू मेरी गजल और मैं तेरा गीत बन जाऊँ, भा जाए जो तुझे, प्यासे मन का मीत बन जाऊँ। आती रहे सदाएं, यूँ ही बार-बार नजारे बनकर, नज्मों की कुछ किताब में बहार-ए- जीत बन जाऊँ। रहा जाए तुझमें,हर पल बजते हुए किसी साज में, सदाबहार गीतों की कसम, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।