प्रकृति ने हमें जन्म दिया है तो जिंदा रहने के साधन भी भरपूर दिए हैं। अगर हम प्रकृति के साथ तालमेल बैठा कर चलते तो आज हम भी सुखी और स्वस्थ होते और ये वसुंधरा भी खुश होकर हम पर यूं ही वरदान लुटाती रहती, किन्तु मानव की हर एक […]
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तुम्हें अच्छी नहीं लगती, पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान क्योंकि-तुम, उड़ ही नहीं सकते। तुम्हें भाता नहीं है, पक्षियों का निडर होकर चहकना, क्योंकि-तुम जहाँ गंभीर हो, वहाँ महज़ दिखावा है। तुम्हें पसंद नहीं आता, पक्षियों का कतारवद्ध अनुशासन, क्योंकि-तुम जहाँ पर सख्त़ हो,वहाँ साम्राज्य है तुम्हारे ही अड़ियल स्वभाव का। […]