हो स्वामी सखा समर्थ प्रभु फिर भी लगी नाव किनारे नहीं..? भँवर से निकालो मेरी नौका तुझे छोड़ और है सहारे नहीं है..। तुम तो करुणाकर हो प्रभुवर शरणागत जन के तारक हो। सृष्टि के सर्वस्व हो तुम सृजक पालक संहारक हो॥ तुम ब्रह्मा बन करते रचना तुम ही विष्णु […]