अपने आँगन की देहली पर फिर से बैठ जाओ ना.. कह दो मिलने का दिल है,तुम मिलने आओ ना.. किसी मुद्दत से तुझे ज़ी भर करके देखा नहीं… फिर उसी शिद्दत से मुझे बुलाओ ना… अपने आँगन की देहली पर फिर से बैठ जाओ ना… हर दूआओ में मांगा है […]
अंग्रेजी का झंझट छोड़ो अब हिंदी की जय बोलो कब तक हिंदी गुलाम रहेगी सत्ताधीशों कुछ तो बोलो हिंदी होना कब शान बनेगी भारत की पहचान बनेगी संसद में सिर्फ हिंदी बोलो या फिर मातृभाषा बोलो विदेशी भाषा का मोह छोड़ो हिंदी से अब नाता जोड़ो राष्ट्रभाषा बने अब हिंदी […]
विद्यालय को स्मार्ट बनाने के लिए पालकों ने दिए सुझाव । नागदा (धार ) शासन के निर्देशानुसार 19 अक्टूबर शनिवार को शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय नयापुरा (माकनी) में अभिभावक -शिक्षक बैठक का आयोजन सरस्वती माँ की वंदना से किया गया , जिसमें विद्यार्थियों की त्रैमासिक परीक्षा , दक्षता उन्नयन की […]
उषाकोठी अर्थात औषधि से भरा हुआ पहाड़ के गोद में बसा है , ग्राम करमागढ़ यानी कर्म का गढ़ । जहाँ राजपरिवार की देवी माँ मानकेश्वरी जी का सिद्ध मंदिर भी है । करमागढ़ को हम सभी दो कारणों से जानतें हैं । पहला – माँ मानकेश्वरी सिद्ध दरबार । […]
. 🏉🏉 १ 🏉🏉 सर्दी का संकेत हैं, शरद पूर्णिमा चंद्र। कहें विदाई मेह को, फिर आना हे इन्द्र। फिर आना हे इंद्र, रबी का मौसम आया। बोएँ फसल किसान, खेत मानो हरषाया। शर्मा बाबू लाल, देख मौसम बेदर्दी। सहें ठंड की मार, जरूरत भी है सर्दी। . 🏉🏉 २ […]
देश में शांति की बात करने वाले बहुत लोग हैं। लगभग सभी प्रत्यक्ष में इस शब्द का खुलकर उपयोग करते हैं परन्तु वास्तव में ऐसा है नहीं। राजनैतिक दलों के अनेक चेहरे बहुत सारे मुद्दों पर स्वयं को पर्दे के पीछे छुपाने की कोशिश करने लगते हैं। विकास के ठेकेदार […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।