जीवन मे जो भी करो करो सोच विचार कर आगे किधर जाना है निर्णय लो विचार कर एक कदम भी गलत न हो सावधानी रखनी होगी दिल किसी का न दुखे ऐसी राह पकड़नी होगी जितनी सेवा हो सके करो ईश्वरीय जानकर अहंकार जरा भी न हो चलो खुद को […]

इंदौर । हिंदी लेखक व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन अविचल की पुस्तक ‘वारांगना-व्यथांजलि’ का विमोचन दिल्ली पुस्तक मेले में 11 जनवरी को लेखक मंच पर डॉ.वेदप्रताप वैदिक,पद्मश्री डॉ सुरेंद्र शर्मा,डॉ कुँवर बैचैन, डॉ दिविक रमेश, डॉ दिवाकर शुक्ल, स्वामी विदेह देव जी, प्रो राजीव शर्मा, संतोष […]

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, वैश्विक हिंदी सम्मेलन तथा के.सी. कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में मुंबई में दिनांक 11 जनवरी को वैश्विक हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था: ‘हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं का समन्वय।’ संगोष्ठी के प्रारंभ में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष शीतला […]

संजीव कुमार गंगवार जी की नवीन कृति – हमारे व्हॉटस् एप वीर प्राप्त हुई | ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय को प्राप्त यह पुस्तक अब तक की सबसे श्रेष्ठ पुस्तक है हास्य के क्षेत्र में, हंसता-गुदगुदाता व्यंग्यों का अनमोल गुलदस्ता है उक्त संग्रह | सोशल मीडिया के इर्दगिर्द लिखे व्यंग्य पाठकों […]

उड़ती पतंग को देखकर मन की अभिलाषा यही मैं भी बन जाऊँ पतंग पर ऐसी जिसकी डोर किसी के हाथ न हो जो जब चाहे ऊँचे आकाश से गिरा दे हमें पतंग के डोर हो स्वतंत्र जो पतंग जैसे उड़े बेखबर कभी आसमान के परे हमें उड़ना है हवाओं के […]

बाल विशेषांक : दिसंबर २०१९ संगिनी हिन्दी पत्रिका का बाल विशेषांक देखते ही समझ गए की ये हल्लम हल्लम हाथी ,घमंडी सियार ,होम वर्कको छुट्टी दे दो ,व्यंजन बच्चो ने बनाए हे,वही मुख पृस्ठ पर एक सुंदर टेलेंटेड बच्चे की तस्वीर के साथ दिसंबर २०१९ का अंक प्राप्त हुआ । […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।